Thursday, August 25, 2011

धन कब लेवें और कब देवें

यह समस्या केवल व्यवसायी वर्ग की ही नहीं है. आज हर कोई इस जाल में उलझा हुआ है. कोई धन उधार देकर रोता मिलता है तो कोई धन लेकर पछता रहा है. पहले किसी से कर्जा लेने के लिए साहुकार की मिन्नतें करनी होती थीं पर अब गली-गली उधार देने वाले फिरते रहते हैं.
ज्योतिष में कर्ज संबंधी इन समस्याओं से सुखी रहने के तरीके बतलाये हैं.ज्योतिष के इन नियमो का प्रयोग दैनिक जीवन में किया जाये तो इस उधार रूपी राक्षस को अपने अनुकूल बनाया जा सकता है,सुखी रहा जा सकता है.व्यापारी वर्ग को कुछ लेनदेन तो रोज करने होते हैं, उनमें भी इन नियमों का पालन किया जाये तो धन विनियम अच्छा होता है.लेकिन जो बडे लेनदेन या अग्रिम भुगतान के मामले हैं उनको निम्न प्रकार से संपादित किया जाये तो अच्छा लाभ मिलता है अथवा सुख मिलता है
- जैसे सबसे सरल नियम यह है-
"ऋणे भौमे न ग्रहीयात, न देयं बुधवासरे। ऋणच्छेदनं भौमे कुर्यात्, संचये सोम नंदने||"
अर्थात् धन के लेनदेन में मंगलवार और बुधवार बडे महत्व के होते हैंमंगलवार उधार लेने में अशुभ है तो बुधवार देने में.आपको यदि धन की आवश्यकता पड़ जाये तो मंगलवार को कभी नहीं लेना चाहिये. इस उधार को चुकाने में बडी कठिनाई आती है और किसी को बुधवार को धन उधार दे दिया तो उस धन को प्राप्त करने में मुश्किलें आती हैं,यहां तक कि रिश्तों में भी दरारें उत्पन्न हो जाती हैं.यह एक सरल नियम हैं जो आसानी से याद रखा जा सकता है और दैनिक जीवन में उपयोग किया जा सकता है
लेकिन मंगलवार ऋण चुकाने के लिए अतिश्रेष्ठ रहता है.धन संचय अर्थात् बैंकों में धन जमा कराने के लिए या सुरक्षित रखने के लिए बुधवार सर्वश्रेष्ठ दिन होता है
जब किसी बहुत बड़े लेनदेन का मामला हो तो अनुकूल दिन का चयन इस प्रकार करना चाहिये.
मंगलवार,सूर्य संक्रांति वाला दिन,वृद्धि योग,हस्त नक्षत्र से युक्त रविवार इन दिनों में ऋण कभी नहीं लेना चाहिये,चाहे कितनी ही बड़ी जरूरत हो.इनके अलावा कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, आश्लेषा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा,उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों में, भद्रा,व्यतिपात और अमावस्या को दिया गया धन कभी वापस प्राप्त नहीं होता, यहां तक कि झगडे की नौबत भी आ जाती है.
ये बातें बहुत छोटी सी हैं,ज्योतिष के सामान्य से नियम हैं,पर इनको अपनाने से बहुत बडे विवादों से बचा जा सकता है, रिश्तों को टूटने से बचाया जा सकता है. लेनदेन का भय मिट जाता है.
वर्तमान परिस्थितियों में जिसका लेनदेन अच्छा है,उसकी बाजार में साख अच्छी बन जाती है.जो कि वर्तमान में समाज में रहने और जीने के लिए अति आवश्यक है
अत: मंगलवार को लेना नहीं चुकाना है और बुधवार को देना नहीं जमा कराना है.
अपने धन का यदि कहीं विनिवेश करना हो तो मंगलवार और बुधवार के अतिरिक्त अन्य वारों में,पुनर्वसु-स्वाति-मृगशिरा-रेवती-चित्रा-अनुराधा-विशाखा-पुष्य-श्रवण-धनिष्ठा-शतभिषा और अश्विनी इन नक्षत्रों में (यह नक्षत्र उत्तरोत्तर शुभ हैं.) और चर (मेष-कर्क-तुला-मकर) लग्नो में, जबकि लग्न से 8वें भाव में कोई भी ग्रह न हो, तब विनिवेश करना चाहिये. इस समय में किया गया धन का निवेश धन को बढ़ाता है.


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