Friday, December 31, 2010

वर्ष 2011 और आपकी राशि

मेष- मेष राशिवाले जातकों के लिए यह वर्ष प्रगति सूचक रहेगा। 1 जनवरी से शुक्र अष्टम भाव में परिभ्रमण कर रहा है। अत: राजनैतिक प्रभाव प्रभावित होगा। अन्य कार्यों में भी उन्नति होगी। परंतु कुछ अड़चनें उत्पन्न होंगी। जनवरी द्वितीय सप्ताह के प्रारंभ में मंगल का परिभ्रमण राजयोग में बाधित कर सकता है। परंतु जनवरी अंत में शुक्र के परिभ्रमण राज्य भाव में आने से सफलता प्राप्त कराएगा। जनवरी अंत से अप्रैल अंत तक का समय नौकरी वालों के लिए पदोन्नति वाला रहेगा। मई प्रारंभ से मंगल की स्थिति एवं गुरु का परिभ्रमण विवादित मामलों को पूर्ण रूप से एवं संतोष जनक तरीके से निपटाने में सक्षम रहेगा। जून भी उन्नति वाला रहेगा। जून से जुलाई अंत तक का समय भौतिक सुख साधन में वृद्धि वाला रहेगा। तत्पश्चात अगस्त मध्य तक सोचकर निर्णय लें। बिना सोचे निर्णय हानिकारक हो सकते है। अगस्त मध्य से अक्टूबर तक का समय सहयोग वाला रहेगा। अक्टूबर से दिसंबर तक का समय प्रगति वाला रहेगा।
इस वर्ष स्वास्थ्य बेहतरी के संकेत दे रहा है। उत्साह, उमंग और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि रहेगी। किन्तु तामसिक आहारों के प्रयोग व छोटी-छोटी बातों में उलझने से बचें। प्रतियोगी क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा उठेगा। कारोबार व व्यापार के मामले में पूरे दमखम के साथ आगे बढ़ेंगे। पारिवारिक जीवन में मतभेदों को हल करने की पुरजोर कोशिश रहेगी। मातृ व पितृ पक्ष आपके अच्छे और उत्साही प्रयासों से खुश रहेंगे। प्रेम संदर्भों में वस्त्राभूषणों की खरीद को अंतिम रूप दे सकते हैं। वर्ष के चतुर्थ भाग में रिश्तों में नया मोड़ आ सकता है जिससे तनाव व परेशानियों का ग्राफ बढ़ सकता है। अनावश्यक बातों से दूरी बनाकर चलना हितकर रहेगा।
शुभ अंक - 9, 8 और 6
शुभ रंग - नीला, नीला-हरा- चॉकलेटी।
शुभ दिन- शुक्रवार, मंगलवार और शनिवार
भाग्यशाली माह :- जनवरी, मार्च, नवंबर, दिसंबर।
वृषभ- साल 2011 आपको कुछ नया करने के संकेत दे रहा है। यह साल आपसे कह रहा है कि आप जिस बंधे-बंधाये रास्ते पर चल रहे हैं उसे बदलने की जरूरत है, भले ही वो कितना कठिन ही क्यों न साबित हो। काम और प्यार दोनों स्थानों पर बदलाव आने के संकेत हैं, इसलिये आपको संयम रखने और खुद को शांत बनाये रखने की जरूरत है। याद रखिये मेहनत करने से कभी किसी का कोई नुकसान नहीं होता।
वृषभ राशि वाले जातकों को लिए नया वर्ष पद प्रतिष्ठा दिलाने वाला रहेगा। जनवरी प्रारंभ में हल्की-फुल्की रुकावट आ सकती है। जनवरी मध्य से जनवरी अंत तक का समय पुराने संबंधों के सहयोग से लाभ दिलाने वाला रहेगा। साथ ही किसी से व्यापार संबंधी प्रतिबंध लाभदायक होगा। फरवरी प्रारंभ से अंत तक का समय अधिक व्यस्तता में कटेगा एवं मिला-जुला भी होगा। फरवरी से मई अंत तक राजनैतिक पद में महत्वपूर्ण पद प्राप्ति वाला, परिवार में पद-प्रतिष्ठा, सुख-सुविधा एवं विद्यार्थी वर्ग के लिए प्रतियोगिता में सफल‍ता प्राप्ति वाला रहेगा। कृषक को उच्च लाभ मिलेगा। मई से जून अंत के समय में स्थायी संपत्ति पर खर्च होगा। जून अंत से अगस्त मध्य के समयावधि में नौकरी वालों की पदोन्नति होने के प्रबल योग है। अगस्त मध्य से सितंबर मध्य तक का समय मानसिक परेशानी वाला हो सकता है। यह ऐसा समय रहेगा, जिसमें अपने-पराए की पहचान हो जाएगी। मित्रों से पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। सितंबर मध्य से अक्टूबर अंत तक का समय पुराने घर का उद्धार एवं यात्रा पर खर्च होगा। अक्टूबर अंत से नवंबर अंत का समय पद-प्रतिष्ठा वाला रहेगा। दिसंबर माह कई मामलों में सामान्य रहेगा।
शुभ अंक : 1,8और 9
शुभ रंग : लोटस पिंक, हरा।
शुभ दिन : शुक्रवार
शुभ रत्न : हीरा
भाग्यशाली माह :- जनवरी, मई, अक्टूबर।
मिथुन- साल 2011 आपके लिये एक बदलाव का संकेत लेकर आया है। इस साल आपको निजी तरक्की और बढ़ोत्तरी मिलेगी। ग्रह बता रहे हैं कि आप स्वतंत्र और स्वच्छंद व्यवहार की ओर अग्रसर होंगे। वे लोग जो लीक से हटकर सोचने की हिम्मत करेंगे उनके लिये ये संकेत मददगार साबित होंगे।
मिथुन राशि के जातकों के व्यवहार में आमतौर पर दोहरापन देखा जाता है। उनके व्यवहार     में जटिलता और विरोधाभास देखा जाता है। उनके व्यवहार के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। कभी ये पुण्यात्मा प्रतीत होते हैं और कभी इनके व्यवहार  के दोष सामने आ जाते हैं। इस राशि के जातकों का संबंध बुध ग्रह से होता है, जो बचपन और किशोरावस्था का प्रतीक है। इसी कारण में जवानी की मनोहरता के साथ-साथ उसकी कुछ खामियां भी होती हैं। जब वे अच्छे  होते हैं तो वे बहुत अच्छे  होते हैं और जब ये बुरे होते हैं तो बेहद बुरे होते हैं। बच्चों  की ही तरह जब परिस्थितियां इनके पक्ष में हों तो ये बेहद खुश रहते हैं, लेकिन इसके साथ ही इनमें कुछ खामियां भी होती हैं- जैसे, हमेशा किसी नयी चीज की चाह, एक काम से दूसरे काम पर शिफ्ट होते रहना ठीक उसी तरह से जैस तितली एक फूल से दूसरे फूल पर जाती है। इनके लिये जीवन एक ऐसा खेल है, जिसमें लगातार कुछ नया और मजेदार होते रहना चाहिये। वे लकीर के फ़कीर बनकर जीना पसंद नहीं करते। उनके विचार किसी भी समय बदल सकते हैं। निर्णय लेना और उस निर्णय पर टिके रहना इनके लिये एक बेहद मुश्किल काम है।
मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष मिश्रित असर वाला रहेगा। जनवरी से फरवरी अंत का समय मंगल एवं सूर्य के प्रभाव के कारण स्वास्थ्य में परेशानी वाला रह सकता है। यह समय खास तौर पर अपने इष्ट की‍भक्ति एवं चिंतन में लगाएँ। फरवरी अंत से शुक्र अष्‍टम भाव में रहने से कोर्ट-कचहरी के मामलों में अड़चन आ सकती है। अत: ऐसे में लंबी तारीख करवाने से लाभान्वित होंगे। शेयर मार्केट एवं विदेश से व्यापार करने वाले व्यापारी पूर्ण सावधानी से कार्य करें। मार्च अंत से शुक्र की स्थिति बदलने से उन्नति होगी। बृहस्पति का राज्य भाव में रहने से सम्मानजनक पद प्रतिष्ठा होगी। इसी के साथ रूका हुआ पैसा भी प्राप्त होगा। रुकी हुई संपत्ति का निर्णय आपके पक्ष में होगा। जून अंत से अगस्त मध्य में स्थायी संपत्ति प्राप्त करने के योग बन रहे हैं। सितंबर से अक्टूबर का समय मानसिक उलझनें दे सकता है। धैर्य से काम लें। अक्टूबर से नवंबर अंत तक सामान्य प्रक्रिया रहेगी। दिसंबर का पूरा महीना सहयोग प्रदान करने वाला रहेगा।
भाग्यशाली माह :- मार्च, अगस्त, अक्टूबर।
शुभ अंक: 3 ,7 और 5
शुभ रंग: पीला, भूरा और हरा
शुभ दिन:  बुधवार और गुरुवार
शुभ रत्न: पन्ना
कर्क- 2011 के दौरान आप पारिवारिक और व्यवसायिक परेशानियों से घिरे रह सकते हैं। साथ ही अगर आप समझदारी और सूझबूझ से काम लें तो आपकी इस समस्या का रास्ता भी आपको मिल सकता है।
कर्क राशि में काफी विविधता पायी जाती है - डरपोक, शर्मीले और आसानी से हार मानने वालों से लेकर सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली तक होते हैं। यह मूल रूप से पुराने विचारों के और अपने परिवार के प्रति उत्तरदायी स्वभाव के होते हैं। इस राशि के पुरुष अपने आसपास सुरक्षा का तानाबाना बुनना पसंद करते हैं, जिसमें वे तनाव को छोड़कर आराम फरमा सकें वहीं महिलायें अपनी भौतिक वस्तुओं का आनंद उठा सकें।
कर्क राशिवाले जातकों के लिए आनेवाला वर्ष उत्तम रहेगा। जनवरी में संतोष जनक सुधार आएगा। यह परिवर्तन करा सकता है, जो शुभ होगा। जनवरी के बाद शुक्र की स्थिति स्वास्थ्य संबंधित तकलीफ दे सकती है। राजनैतिक लोगों को कार्य में परेशानी आ सकती है। गुरु का आपकी राशि से नवम भाव में होने से आपकी राशि में नवपंचम योग बनता है, जिससे पूरे वर्ष हर तरफ प्रगति करने में सक्षम रहेंगे। शनि भी आपको प्रगति कार्य में सहयोग प्रदान करेगा। मध्य फरवरी से मंगल की स्थिति अनायस व्यवधान उपस्थित करेगी, अत: अपने पूर्ण कार्य व्यवस्थित सुचारू रूप से होंगे अत: सावधानीपूर्वक कार्य करें। मार्च अंत से मंगल भी अष्‍टम में आएगा जो अप्रैल मध्य तक चलेगा। यह समय भी पूर्ण संतोष जनक रहेगा। सूर्य आपको सहायता प्रदान करेगा। यश दिलाएगा। साथ ही विदेश से कमाई भी कराएगा। मई प्रथम सप्ताह से शुक्र एवं मध्य से मंगल पूर्ण सफलता दिलाएँगे। रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। मंगल से संबंधित कार्य पूर्ण होंगे। मेडिसीन एवं कृषि दवा व्यवसायी अधिक लाभान्वित होंगे। जून अंतिम सप्ताह में सजावट तथवा निर्माण कार्य पर खर्च होगा। जुलाई अंतिम सप्ताह क्रोध नुकसान करा सकता है।
भाग्यशाली माह :- जनवरी, मई, अगस्त।
भाग्यशाली अंक 2, भाग्यशाली रंग ।
शुभ अंक - 2, 7, 9
शुभ दिन - रविवार, सोमवार
शुभ रंग - सफेद, क्रीम, लाल, लेमन और पीला
शुभ रत्न - मोती

Sunday, December 19, 2010

नवंबर में जन्मे युवा दयालु होते हैं

            क्या आपका बर्थ डे नवंबर में है
  नवंबर में जन्मे युवा दयालु होते हैं                  
आपका जन्म किसी भी साल के नवंबर महीने में हुआ है तो एस्ट्रोलॉजी कहती है कि आप इस दुनिया में सबकी भलाई करने के लिए जन्मे हैं। आप अत्यंत दयालु और परोपकारी हैं। सहनशक्ति के हिसाब से भी आप कमाल के बंदे हैं। जब तक आपका स्वाभिमान हर्ट ना हो जाए तब तक हर छोटी-बड़ी बात आप सिर से गुजर जाने देते हैं।
आप सबके बीच सामंजस्य बैठाने का काम बखूबी निभाते हैं। अक्सर दोस्तों के पैचअप करवाने की जिम्मेदारी आपकी होती है। यूँ तो दुनिया आपको बड़े ही शांत और सौम्य रूप में जानती है लेकिन जिसने आपका गुस्सा देखा है वही जानता है कि आपके भीतर कितना तूफान भरा है। इसकी वजह से आप कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं। 
आप दोस्तों के लिए कुछ करें या ना करें दोस्त आप पर जान लुटाने के लिए तैयार खड़े रहते हैं क्योंकि आपके भोलेपन के वे कायल होते हैं। आपकी तरक्की से जलने वालों के लिए चेतावनी है कि नवंबर वालों के दुश्मन सीधे मुँह की खाते हैं अत: सावधान। नवंबर माह में जन्में युवाओं में प्यार का अथाह सागर होता है। जिसे प्यार करेंगे वह अगर ना मिल पाए तो भी उसे भूल नहीं पाएँगे। और जो अगर प्यार मिल जाए तो उसकी खुशी के लिए खुद को मिटाकर भी तृप्त नहीं होते।
फिर वही बात कि अत्याधिक दयालु जो होते हैं।
कुछ युवा जो नवंबर में जन्मे हैं और जिनकी राशि वृश्चिक या मेष है उन पर कंजूस होने का आरोप लग सकता है अन्यथा सामान्यत: नवंबर के युवा दिल के इतने उदार होते हैं कि सामने वाले के चेहरे पर मुस्कान देखने के लिए खुद की जेब खाली करके भी खुश रहते हैं। 
पैसा इनके पास जितना भी आए, सेविंग के तरीके खोज ही लेते हैं। पूरी तरह से खाली ये कभी नहीं होते। इनके किसी ना किसी पर्स या पेंट की जेब से पैसे निकल ही आएँगे। थोड़ी व्यग्रता पर कंट्रोल कर ले तो इनके जैसा करीने से रहने वाला मिलना मुश्किल है। हर काम सुव्यवस्थित और साफ-सुथरा। इनके बचपन से लेकर अबतक के छोटे से छोटे डॉक्यूमेंट भी किसी फाइल में सुरक्षित रखे मिल जाएँगे। यहाँ हम आपको थोड़ा सा सनकी कह सकते हैं। कुछ-कुछ कन्फ्यूज्ड और कुछ-कुछ क्रिएटिव।
 अतीत से इन्हें गहरा लगाव होता है। अपनी हर पहली बात या पहली चीज अपनी स्मृति में संजोकर रखते है। अक्सर इस माह में जन्मे लोग संवेदनशील लेखक, पुलिस, पत्रकार, कलाकार, सर्जन या गुप्तचर विभाग में होते हैं। मन इनका बच्चों की तरह होता है इसीलिए बच्चों से इन्हें बेहद प्यार होता है।
इनका इंटि्यूशन पॉवर तो माशाअल्लाह होता है। किसी बात का पूर्वाभास होना या सूरत देखकर आदमी की फितरत पहचानना इनके लिए आसान होता है। आकर्षक मुखाकृति और मासूमियत के कारण नौकरी हो या घर, प्यार हो या दोस्ती, इनके सौ गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। अपने बालों का इन्हें विशेष ख्याल रखना चाहिए वरना गंजे हो सकते हैं। बड़ी-बड़ी हाँकने की प्रवृत्ति से भी थोड़ा बचें तो सही वक्त पर सही जीवनसाथी मिल जाएगा। 
नवंबर माह की लड़कियाँ भावुक दिखतीं है पर होती प्रेक्टिकल हैं। चोट खाने पर खुद को समय पर संभाल लेती है। 
यही वजह है कि अपने दुख के लिए कभी दूसरों का कंधा इस्तेमाल नहीं करती। बेमिसाल सहनशक्ति के कारण जीवन की हर जंग जीत लेती है। अभिव्यक्ति थोड़ी सी कमजोर होती है इसलिए उम्मीद करती है कि इनके आसपास के लोग इनकी बात स्वयं समझ लें। लोग जब इन्हें समझ नहीं पाते हैं तो ये झल्ला पड़ती हैं। 
नवंबर माह वालों के लिए सलाह है कि वे अपनी कम्युनिकेशन स्किल सुधारें क्योंकि इसकी वजह से अक्सर लोग आपको गलत समझ लेते हैं। अपने सौम्य स्वरूप का गलत फायदा ना उठाएँ बल्कि सच्चाई और ईमानदारी आपकी ताकत है उसका इस्तेमाल करें। 
कल्पना लोक से बाहर आएँ जिंदगी के कई रंग बस आप ही के लिए खिले हैं आप को उन्हें समय पर पहचानना है। हमारी शुभकामनाएँ। 
लकी नंबर : 3, 1, 7 
लकी कलर : पिंक, सफेद और चॉकलेटी
लकी डे : गुरुवार और मंगलवार 
लकी स्टोन : पर्ल और मून स्टोन 
सुझाव : तेल में अपना चेहरा देखकर मंदिर में दान करें रूकावटें दूर होंगी। 

Monday, November 29, 2010

शादी से पहले 'सेहत-कुंडली' मिलाएँ




          शादी से पहले 'सेहत-कुंडली' मिलाएँ
विवाह एक सामाजिक संस्कार है, जो दो दिलों का मिलन है। विवाह-संस्था के द्वारा परिवार के रूप में कुटुम्ब परंपरा आगे बढ़ती है। शादी से पहले अभिभावक दूल्हा-दुल्हन की जन्मपत्री का मिलान कराते हैं। जन्मपत्री में ग्रह के उपयुक्त मिलान होने पर ही शादी तय होती है। 
शादी से पहले अपको अपने भावी पाटर्नर के साथ प्रीमैरिज काउंसलिंग जरूर करना चाहिए| इसमें हम ब्लडग्रुप, एचआईवी, थैलेसीमिया,और हेपेटाइटिस बी जैसी जांच होती हैं| ताकि आपका स्वास्थ्य को आंका जा सके |मुझे लगता हैं कि हर पढें-लिखे और समझदार परिवार को शादी से पहले वर–वधू की यह जांच जरूर करवानी चाहिए,ताकि वे सेहतमंद रहे| प्रीमैरिज काउंसलिंग करवाने से आप दोनों नए जीवन की शुरुआत सहजता से कर सकेंगे |
चिकित्सकों के अनुसार विवाह पूर्व मेरिज-काउंसलिंग होना जरूरी है। एक-दूसरे के विचारों, व्यवहारों, पसंद-नापसंद के अतिरिक्त स्वास्थ्य दृष्टि से शारीरिक गुणों में भी मिलान होना जरूरी है। यदि कोई भी युवक-युवती किसी अनजाने रोग से ग्रसित है तो वह अपने जीवनसाथी को तो रोग देगा/देगी ही, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी रोग से ग्रसित कर सकता/सकती है। 
अतः चिकित्सकों के अनुसार जन्म-कुंडली के साथ स्वास्थ्य-कुंडली का मिलान होना जरूरी है, जो सुखी-समृद्ध वैवाहिक जीवन की सबसे पहली शुरुआत होगी। कई रोग पारिवारिक रूप से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलते रहते हैं जैसे मधुमेह, थैलेसीमिया, मोटापा, हृदयरोग, हिमोफीलिया, कलर ब्लाइंडनेस, गंजापन आदि। यदि पति-पत्नी दोनों को मधुमेह है तो आशंका यह व्यक्त की जाती है कि आधी संतानों को 40 वर्ष की वय के उपरांत मधुमेह कभी भी उभर सकता है। 
आज के आधुनिक जीवन में कई युवक-युवतियाँ विवाह-पूर्व असुरक्षित यौन-संबंधों के जाल में उलझ जाते हैं। उनकी थोड़ी-सी लापरवाही एड्स जैसे गंभीर रोग को आमंत्रण दे सकती है। ऐसे संबंधों से अन्य संक्रमण जैसे सिफीलिस, गोनोरिया, हरपीज होना भी आम है। ये सभी रोग विवाह के बाद एक जीवनसाथी से दूसरे जीवनसाथी को 'गिफ्ट' के रूप में मिल जाते हैं तथा बच्चों को भी पैदा होते ही घेर लेते हैं। ऐसे संक्रमणों और आत्मघाती रोगों से बचने के लिए स्वास्थ्य-पत्री मिलान अत्यंत जरूरी है। यह स्वास्थ्य-पत्री 6 हिस्सों में हो सकती है
एड्स-पत्री : विवाह पूर्व युवक-युवतियों को एड्स का संक्रमण है या नहीं, इस हेतु एचआईवी टेस्ट करा लेना चाहिए। एड्स एक लाइलाज रोग है, इसका बचाव ही उपचार है।
सिफीलिस-पत्री : यह रोग सर्पकीट ट्रेपोनेमा से होता है। यह यौन संचारित रोग है। भारत में हर 25 में से 1 व्यक्ति को यह रोग है। यह रोग स्वयं को तो नुकसान पहुँचाता है, साथ ही आने वाली पीढ़ी जन्मजात सिफीलिस रोग लेकर पैदा होती है। इससे जन्मजात हृदयरोग भी हो सकता है तथा कई युवतियों में यह बार-बार गर्भपात हो जाने का कारण भी बनता है। 
थैलेसीमिया-पत्री : थैलेसीमिया मेजर एक ऐसा रोग है जिसमें बच्चे का खून स्वतः समाप्त होता जाता है। बच्चे को नियमित रूप से रक्त चढ़ाना पड़ता है। अतः थैलेसीमिया मेजर न हो, इस हेतु भावी पति-पत्नी को एचबीए-2 नामक हिमोग्लोबिन का टेस्ट कराना चाहिए जिससे थैलेसीमिया माइनर होने का पता लग जाए। यदि दूल्हा-दुल्हन दोनों एचबीए-2 पॉजीटिव हैं तो विवाह तय नहीं करना चाहिए। 
हेपेटाइटिस बी एवं सी-पत्री : हेपेटाइटिस बी एवं सी लीवर को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोग हैं, जो कालांतर में व्यक्ति की जान ले सकते हैं। यह रोग शारीरिक संपर्क से फैल सकता है अतः इस रोग का पता विवाह पूर्व हो जाना जरूरी है। भारत की कुल आबादी के 4-5 प्रतिशत लोग हेपेटाइटिस-बी से प्रभावित हैं। 
ब्लड ग्रुप-पत्री : यदि महिला का ब्लड ग्रुप नेगेटिव और पुरुष का पॉजीटिव है तथा इसके चलते बच्चे का ब्लड ग्रुप भी पॉजीटिव है तो समस्याएँ खड़ी हो सकती हैं अतः ब्लड ग्रुप का मिलान भी विवाह पूर्व हो जाए तो बेहतर है। 
टॉर्च-पत्री : टॉर्च गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाला 4 रोगों का समूह है जिनमें टॉक्सोप्लाज्मोसिस, सायटोमेगालोवायरस, रुबेला एवं हरपिज शामिल हैं। ये रोग युवतियों में विवाह पूर्व होने पर भावी संतान मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग पैदा हो सकती है अतः विवाह पूर्व टॉर्च टेस्ट करा लेना चाहिए। 

Friday, November 26, 2010

फैशन ज्योतिष

फैशन ज्योतिष : फैशन इंडस्ट्री बेहद तेजी से बढ़ रही है। हर दिन यह अपने साथ नई तकनीक और बाजार के नए ट्रैंड्स को जोड़ती जा रही है। इन दिनों फैशन की गलियों में जो नया नाम सुनाई दे रहा है वह है फैशन ज्योतिष,जहां परिधानों के डिजाइन और स्टाइल में ज्योतिष के अनुभव भी शामिल हैं। मंत्रों और श्लोकों के बाद अब राशिफल बांच रहे हैं डिजाइनर। क्या आप भी किसी फैशन ज्योतिषी से अपना भविष्यफल जानना चाहेंगेतो सबसे पहला सवाल यह कि आप अपने भविष्य को लेकर क्या सोचते हैं?आपको कौन-कौन से ब्रांड की जानकारी है?अगर कभी ज्वैलरी खरीदनी हो तो किस तरह की खरीदेंगेएक्सेसरीज पर कितना पैसा खर्च करते हैं?इन्हीं सवालों के साथ एक और सवाल है कि क्या आप ज्योतिष पर यकीन करते हैं?आपको अपनी राशि मालूम हैदरअसल ये सारे सवाल एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं।
फैशन राशिफल
मेष :  इस राशि के लोगों को शुद्ध और सिंथेटिक फेब्रिक से बने परिधान पहनने चाहिए।
लालपीलानारंगी रंग का चयन करें। नीलेग्रे और काले रंग के प्रयोग से बचें। इनको चमड़े या पक्षियों के पंखों से बने परिधानों से भी बचना चाहिए। ऐसे परिधान पहनेंजिसमें बहुत तरह के कट्स हों। बहुत सारे रंगों से बने डिजाइन पहनें।
वृष : चमकीला सिल्कसिंथेटिक फेब्रिक इस राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं है।
इस राशि के लोगों को सफेद और हल्के हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। लाल और नारंगी रंग के प्रयोग से बचें। अधिकतर सादे या फिर बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहनें।  सिल्वर और प्लेटिनम इस राशि के लोगों के लिए अनुकूल हैं।
मिथुन : शुद्ध कपास और लिनेन से बने परिधान इनके लिए अच्छे हैंलेकिन इनको सिंथेटिक कपड़ों से बचना चाहिए।
हरा रंग इनके अनुकूल है,लेकिन पीला नहीं। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान इनके अनुकूल हैं।
कर्क : रेशमसूती और लिनेन इनके लिए अनुकूल हैं।
सिंथेटिक कपड़ों से बचें। सफेद,हल्का पीलापन लिये हुआ सफेद रंग पहनें। नीले और काले रंग का कपड़ा न पहनें। सादे डिजाइन किए हुए कपड़े पहनें।
सिंह : इस राशि वालों के लिए सूती कपड़े अच्छे हैं।
लालपीलेनारंगी उपयुक्त हैं। नीलेकालेभूरे और धूसर रंगों से बचें। आउटफिट्स में बहुत सारे कट्स का प्रयोग करेंलेकिन चमड़े और पंखों से बने परिधान न पहनें।
कन्या : सूती कपड़े से बने परिधान इनके लिए उपयुक्त हैं।
इनको हरे और सफेद रंगों को चुनना चाहिए। हल्का हरासफेद और पीले रंग से बचना चाहिए। कन्या राशि के लोगों को भी सादे डिजाइन ही पहनने चाहिए।
तुला : चमकीला सिंथेटिक सिल्क इस राशि वालों के लिए अनुकूल है।
सफेद,हल्का हरा और भूरा भी पहन सकते हैंपरंतु लाल और नारंगी रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहन सकते हैं।
वृश्चिक : मिश्रित सूती कपड़ा पहनें।
लाल,पीला और नारंगी रंग का कपड़ा पहनें। नीले भूरे और काले रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले कपड़े पहनें।
धनु : सिंथेटिक और चमकीला सिल्क पहनें।
पीलाशिफॉन और हल्का नारंगी रंग पहनें। नीले और काले रंग से बचें।
मकर : कॉटनलिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं।
सिंथेटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीलेकालेभूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लालसफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।
कुंभ : कॉटनसिल्कलिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं।
सिथेंटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीले,कालेभूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लालसफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।
मीन: इस राशि के लोगों के लिए सिंथेटिक और चमकीले सिल्क के कपड़े अच्छे रहते हैं।
पीलेकेसरिया और हल्के नारंगी रंग के व इन्हें पहनने चाहिए। काले और नीले रंग से बचें। सादे और मल्टी डिजाइन कपड़े पहन सकते हैं।



Tuesday, May 25, 2010

विषय चयन में सहायक कुडंली

विषय चयन में सहायक कुडंली
उच्च शिक्षा किस विषय की होगी इसके लिए जातक की कुडंली में पंचम भाव एवं उसके अधिपति की और ध्यान देना होगा| पंचम भाव से ज्ञान का पता चलता है|उच्चस्तर की शिक्षा के लिए पंचम भाव का बलवान होना अवश्यक है| पंचमेश का उच्च होना, स्वराशि का होना या किसी और ग्रह के स्वामी से स्थान परिवर्तन से पंचम भाव सुद्धढ़  होता है| पंचमेश लग्नेश सप्तमेश होना या उनका और कोई संबंध हो तो जातक को उच्च शिक्षा का अवसर मिलता है| परन्तु पंचमेश का उच्च होने से उच्च शिक्षा अवश्य मिलेगी |
इसके कुछ अपवाद भी है तुला लग्न में यदि पंचमेश शनि उच्च का का होकर लग्न में हो और लग्नेश शुक्र के साथ उसका संबंध व स्थान परिवर्तन या उसके आमने सामने न हो वह व्यक्ति माध्यमिक शिक्षा में भी बडी कठिनाइयों   से उतीर्ण होगा| इसके अतिरिक्त यदि पंचम भाव में कोई ग्रह उच्च का हो उसको शनि देखता हो और पंचमेश न तो उच्च का हो न स्वराशि का हो न ही उसका स्थान परिवर्तन हो तो जातक आगे पढ़ता ही रहेगा
अब यह जानने के लिए कौन-कौन से विषय में जातक पांरगत होगा पंचम भाव व उसके अधिपति व उसके अधिपति का दुसरे भावों व उनके स्वामियों के संबंधों को समझना होगा| इस संबंध में जो भाव अति बलवान है चाहे उसके पंचम भाव के स्वामी का कोई संबंध है या नहीं उस भाव के विषय को अवश्य पढ़ेगा|
शिक्षा की तीन धाराएं है-विज्ञान, कला, वाणिज्य आज शिक्षा सहस्त्र धाराओं में बट गई है और कई नाम तो ऐसे है जो सुनने में पहले कभी नहीं आये इन सब को बारह भागों में बाटना भी कठिन है| परन्तु ज्योतिष में हमें देश काल पात्र का ध्यान अवश्य रखना पड़ता है| किस भाव से कौन-कौन विषय होगे व हर भाव की अपनी विशेषता व विविधता है| एक ही भाव से बहुत सारी बातों की विवेचना करते है
1- विदेश में शिक्षा व रोजगार के अवसर के लिए बारहवें भाव,सप्तमेश तथा शुक्र ग्रह का विश्लेषण आवश्यक है|
2 - पद का स्तर जैसे प्राइमरी स्कूल में शिक्षक अथवा विश्वविधालयमे में रीडर जानने के लिए वृहस्पति का बल देखा जाता है|
3 - विशेष चयन प्रकिया में सूक्ष्म विश्लेषण के दुसरा भाव, चतुर्थ भाव, नवम भाव तथा दसम भाव का अवलोकन अवश्य है|
4 - चतुर्थ भाव से शिक्षा का बोध होता है|
5- चतुर्थ भाव पर शुक्र के प्रभाव से संगीत व कला से संबंधित विषय चुनना क्षेयस्कर है|
6 -सूर्य योग कारक हो तो राजनीतिशास्त्र विषय से प्रशासनिक सेवा में जाने के अवसर आसान हो जाते है|
7- बुध के बलानुसार गणित, प्रत्रकारिता, वाणिज्य, चार्टर्ड एकाउंटेंट का विषय का चयन करना चाहिए|
8- बुध शुक्र की युक्ति से दर्शन शास्त्र लाभकारी होता है|
9-शनि-वृहस्पति के योग से वकालत पढ़ना श्रेयस्कर रहता है|
10- शुक्र-शनि का योग इलेक्ट्रॉनिस व कम्प्यूटर के विषयों धनोपार्जन करवाते है|
11- राहु से रसायन शास्त्र
12- शनि कि पंचम भाव पर दृष्टि से विज्ञान के अन्य विषय चुनने चाहिए|
13- बुध और धनेश का संबंध स्वतंत्र व्यापार करवाता है
अधिकतर यह देखा गया है कि आज के प्रतिस्पर्धा के युग में कई बार शिक्षा की धारा बदलनी पड़ती है| पहले सभी विज्ञान पढ़ना चाहते है असफल होने पर कला व वाणिज्य की और लौट पड़ते है इसका असली कारण ग्रह और भावों का निरबल संबंध है| शिक्षा की धारा वही होगी जो कि ग्रह और भावों का बलवान संबंध बनाती है| कई बार ऐसा भी होता है कि संबंध बलवान होने पर वह शिक्षा अध्यन काल के समय में नहीं मिलती और बहुत देर बाद पुनः महादशा भुक्ति परिपक्व होती है तो वह व्यक्ति उस शिक्षा का अध्ययन करता है|
जातक की उच्च शिक्षा विषय में जानने से पहले दो बातो का ध्यान रखना अतिआवश्यक है| पहले तो यह कि विज्ञान, कला व वाणिज्य, इंजिनियरिंग के विषयों का तालमेल बैठाना है| किसी को रसायन, भूगोल, इतिहास के साथ इंजिनियरिंग नहीं मिल सकती| भौतिक, गणित और सामाजिक शास्त्र लेकर कोई डाक्टर नही बन सकता| दुसरी बात तो और भी अधिक  आवश्यक है| शिक्षा जीविकोपार्जन का साधन है| शिक्षा केवल शिक्षा के लिए ही नही है| शिक्षा विज्ञान, कला व वाणिज्य की होगी इसके लिए दशम भाव को देख कर और उसकी जीविका किस तरह की होगी यह जानकर ही शिक्षा के विषयों का निणर्य लेना चाहिए| कोई भी डाक्टरी की परीक्षा देकर दुकान पर नहीं बैठ सकता| इसलिए व्यक्ति की उच्चस्तर की शिक्षा का निर्णय लेने से पहले यह ठिक तरह से देख कर निर्णय लेना चाहिए|