Monday, November 29, 2010

शादी से पहले 'सेहत-कुंडली' मिलाएँ




          शादी से पहले 'सेहत-कुंडली' मिलाएँ
विवाह एक सामाजिक संस्कार है, जो दो दिलों का मिलन है। विवाह-संस्था के द्वारा परिवार के रूप में कुटुम्ब परंपरा आगे बढ़ती है। शादी से पहले अभिभावक दूल्हा-दुल्हन की जन्मपत्री का मिलान कराते हैं। जन्मपत्री में ग्रह के उपयुक्त मिलान होने पर ही शादी तय होती है। 
शादी से पहले अपको अपने भावी पाटर्नर के साथ प्रीमैरिज काउंसलिंग जरूर करना चाहिए| इसमें हम ब्लडग्रुप, एचआईवी, थैलेसीमिया,और हेपेटाइटिस बी जैसी जांच होती हैं| ताकि आपका स्वास्थ्य को आंका जा सके |मुझे लगता हैं कि हर पढें-लिखे और समझदार परिवार को शादी से पहले वर–वधू की यह जांच जरूर करवानी चाहिए,ताकि वे सेहतमंद रहे| प्रीमैरिज काउंसलिंग करवाने से आप दोनों नए जीवन की शुरुआत सहजता से कर सकेंगे |
चिकित्सकों के अनुसार विवाह पूर्व मेरिज-काउंसलिंग होना जरूरी है। एक-दूसरे के विचारों, व्यवहारों, पसंद-नापसंद के अतिरिक्त स्वास्थ्य दृष्टि से शारीरिक गुणों में भी मिलान होना जरूरी है। यदि कोई भी युवक-युवती किसी अनजाने रोग से ग्रसित है तो वह अपने जीवनसाथी को तो रोग देगा/देगी ही, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी रोग से ग्रसित कर सकता/सकती है। 
अतः चिकित्सकों के अनुसार जन्म-कुंडली के साथ स्वास्थ्य-कुंडली का मिलान होना जरूरी है, जो सुखी-समृद्ध वैवाहिक जीवन की सबसे पहली शुरुआत होगी। कई रोग पारिवारिक रूप से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलते रहते हैं जैसे मधुमेह, थैलेसीमिया, मोटापा, हृदयरोग, हिमोफीलिया, कलर ब्लाइंडनेस, गंजापन आदि। यदि पति-पत्नी दोनों को मधुमेह है तो आशंका यह व्यक्त की जाती है कि आधी संतानों को 40 वर्ष की वय के उपरांत मधुमेह कभी भी उभर सकता है। 
आज के आधुनिक जीवन में कई युवक-युवतियाँ विवाह-पूर्व असुरक्षित यौन-संबंधों के जाल में उलझ जाते हैं। उनकी थोड़ी-सी लापरवाही एड्स जैसे गंभीर रोग को आमंत्रण दे सकती है। ऐसे संबंधों से अन्य संक्रमण जैसे सिफीलिस, गोनोरिया, हरपीज होना भी आम है। ये सभी रोग विवाह के बाद एक जीवनसाथी से दूसरे जीवनसाथी को 'गिफ्ट' के रूप में मिल जाते हैं तथा बच्चों को भी पैदा होते ही घेर लेते हैं। ऐसे संक्रमणों और आत्मघाती रोगों से बचने के लिए स्वास्थ्य-पत्री मिलान अत्यंत जरूरी है। यह स्वास्थ्य-पत्री 6 हिस्सों में हो सकती है
एड्स-पत्री : विवाह पूर्व युवक-युवतियों को एड्स का संक्रमण है या नहीं, इस हेतु एचआईवी टेस्ट करा लेना चाहिए। एड्स एक लाइलाज रोग है, इसका बचाव ही उपचार है।
सिफीलिस-पत्री : यह रोग सर्पकीट ट्रेपोनेमा से होता है। यह यौन संचारित रोग है। भारत में हर 25 में से 1 व्यक्ति को यह रोग है। यह रोग स्वयं को तो नुकसान पहुँचाता है, साथ ही आने वाली पीढ़ी जन्मजात सिफीलिस रोग लेकर पैदा होती है। इससे जन्मजात हृदयरोग भी हो सकता है तथा कई युवतियों में यह बार-बार गर्भपात हो जाने का कारण भी बनता है। 
थैलेसीमिया-पत्री : थैलेसीमिया मेजर एक ऐसा रोग है जिसमें बच्चे का खून स्वतः समाप्त होता जाता है। बच्चे को नियमित रूप से रक्त चढ़ाना पड़ता है। अतः थैलेसीमिया मेजर न हो, इस हेतु भावी पति-पत्नी को एचबीए-2 नामक हिमोग्लोबिन का टेस्ट कराना चाहिए जिससे थैलेसीमिया माइनर होने का पता लग जाए। यदि दूल्हा-दुल्हन दोनों एचबीए-2 पॉजीटिव हैं तो विवाह तय नहीं करना चाहिए। 
हेपेटाइटिस बी एवं सी-पत्री : हेपेटाइटिस बी एवं सी लीवर को प्रभावित करने वाले संक्रामक रोग हैं, जो कालांतर में व्यक्ति की जान ले सकते हैं। यह रोग शारीरिक संपर्क से फैल सकता है अतः इस रोग का पता विवाह पूर्व हो जाना जरूरी है। भारत की कुल आबादी के 4-5 प्रतिशत लोग हेपेटाइटिस-बी से प्रभावित हैं। 
ब्लड ग्रुप-पत्री : यदि महिला का ब्लड ग्रुप नेगेटिव और पुरुष का पॉजीटिव है तथा इसके चलते बच्चे का ब्लड ग्रुप भी पॉजीटिव है तो समस्याएँ खड़ी हो सकती हैं अतः ब्लड ग्रुप का मिलान भी विवाह पूर्व हो जाए तो बेहतर है। 
टॉर्च-पत्री : टॉर्च गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाला 4 रोगों का समूह है जिनमें टॉक्सोप्लाज्मोसिस, सायटोमेगालोवायरस, रुबेला एवं हरपिज शामिल हैं। ये रोग युवतियों में विवाह पूर्व होने पर भावी संतान मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग पैदा हो सकती है अतः विवाह पूर्व टॉर्च टेस्ट करा लेना चाहिए। 

Friday, November 26, 2010

फैशन ज्योतिष

फैशन ज्योतिष : फैशन इंडस्ट्री बेहद तेजी से बढ़ रही है। हर दिन यह अपने साथ नई तकनीक और बाजार के नए ट्रैंड्स को जोड़ती जा रही है। इन दिनों फैशन की गलियों में जो नया नाम सुनाई दे रहा है वह है फैशन ज्योतिष,जहां परिधानों के डिजाइन और स्टाइल में ज्योतिष के अनुभव भी शामिल हैं। मंत्रों और श्लोकों के बाद अब राशिफल बांच रहे हैं डिजाइनर। क्या आप भी किसी फैशन ज्योतिषी से अपना भविष्यफल जानना चाहेंगेतो सबसे पहला सवाल यह कि आप अपने भविष्य को लेकर क्या सोचते हैं?आपको कौन-कौन से ब्रांड की जानकारी है?अगर कभी ज्वैलरी खरीदनी हो तो किस तरह की खरीदेंगेएक्सेसरीज पर कितना पैसा खर्च करते हैं?इन्हीं सवालों के साथ एक और सवाल है कि क्या आप ज्योतिष पर यकीन करते हैं?आपको अपनी राशि मालूम हैदरअसल ये सारे सवाल एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं।
फैशन राशिफल
मेष :  इस राशि के लोगों को शुद्ध और सिंथेटिक फेब्रिक से बने परिधान पहनने चाहिए।
लालपीलानारंगी रंग का चयन करें। नीलेग्रे और काले रंग के प्रयोग से बचें। इनको चमड़े या पक्षियों के पंखों से बने परिधानों से भी बचना चाहिए। ऐसे परिधान पहनेंजिसमें बहुत तरह के कट्स हों। बहुत सारे रंगों से बने डिजाइन पहनें।
वृष : चमकीला सिल्कसिंथेटिक फेब्रिक इस राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं है।
इस राशि के लोगों को सफेद और हल्के हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए। लाल और नारंगी रंग के प्रयोग से बचें। अधिकतर सादे या फिर बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहनें।  सिल्वर और प्लेटिनम इस राशि के लोगों के लिए अनुकूल हैं।
मिथुन : शुद्ध कपास और लिनेन से बने परिधान इनके लिए अच्छे हैंलेकिन इनको सिंथेटिक कपड़ों से बचना चाहिए।
हरा रंग इनके अनुकूल है,लेकिन पीला नहीं। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान इनके अनुकूल हैं।
कर्क : रेशमसूती और लिनेन इनके लिए अनुकूल हैं।
सिंथेटिक कपड़ों से बचें। सफेद,हल्का पीलापन लिये हुआ सफेद रंग पहनें। नीले और काले रंग का कपड़ा न पहनें। सादे डिजाइन किए हुए कपड़े पहनें।
सिंह : इस राशि वालों के लिए सूती कपड़े अच्छे हैं।
लालपीलेनारंगी उपयुक्त हैं। नीलेकालेभूरे और धूसर रंगों से बचें। आउटफिट्स में बहुत सारे कट्स का प्रयोग करेंलेकिन चमड़े और पंखों से बने परिधान न पहनें।
कन्या : सूती कपड़े से बने परिधान इनके लिए उपयुक्त हैं।
इनको हरे और सफेद रंगों को चुनना चाहिए। हल्का हरासफेद और पीले रंग से बचना चाहिए। कन्या राशि के लोगों को भी सादे डिजाइन ही पहनने चाहिए।
तुला : चमकीला सिंथेटिक सिल्क इस राशि वालों के लिए अनुकूल है।
सफेद,हल्का हरा और भूरा भी पहन सकते हैंपरंतु लाल और नारंगी रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले परिधान पहन सकते हैं।
वृश्चिक : मिश्रित सूती कपड़ा पहनें।
लाल,पीला और नारंगी रंग का कपड़ा पहनें। नीले भूरे और काले रंग से बचें। सादे और बहुत सारे डिजाइन वाले कपड़े पहनें।
धनु : सिंथेटिक और चमकीला सिल्क पहनें।
पीलाशिफॉन और हल्का नारंगी रंग पहनें। नीले और काले रंग से बचें।
मकर : कॉटनलिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं।
सिंथेटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीलेकालेभूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लालसफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।
कुंभ : कॉटनसिल्कलिनेन इस राशि के लिए अच्छे माने जाते हैं।
सिथेंटिक का इस्तेमाल न करें। रंगों में इन्हें नीले,कालेभूरे का इस्तेमाल करना चाहिए। इस राशि के लोगों को लालसफेद और नारंगी रंग से बचना चाहिए।
मीन: इस राशि के लोगों के लिए सिंथेटिक और चमकीले सिल्क के कपड़े अच्छे रहते हैं।
पीलेकेसरिया और हल्के नारंगी रंग के व इन्हें पहनने चाहिए। काले और नीले रंग से बचें। सादे और मल्टी डिजाइन कपड़े पहन सकते हैं।